सोमवार, 25 मार्च 2013

वास्तु अनुसार क्यूँ बनाये भवन ?




भवन वास्तु के अनुसार क्यूँ हो ,हम अपनी सुविधा अनुसार भवन का निर्माण क्यूँ नहीं कर सकते ?

हम पृथ्वी पर रहते है और   पृथ्वी पर कुछ दिशाए निर्धारित है  जो कभी नहीं बदलती
सब दिशाओं  के अपने अपने नाम है /स्वभाव है /रंग निर्धारित है और इस ही लिए  वास्तु शास्त्र में हर दिशा में किये जाने वाले कर्म भी निर्धारित है ,कोई दिशा पानी रखने के लिए उत्तम है तो कोई सोने के लिए ,कोई खाना बनाने के लिए उत्तम है तो कोई ,पढाई  करने के लिए !
जब दिशा अनुसार कार्य करते है तो उन्नति और तरक्की को पाते  है और इस के विपरीत जब दिशा के स्वभाव के अनुसार कार्य नहीं चुनते तो तकलीफे /दरिद्रता और रोग को प्राप्त करते है

ये बहुत ही गहरा और गूढ़ विज्ञान है सोचिये यदि कोई वास्तु शास्त्री जब  मकान का नक्शा  देख कर ये बता दे के आप के घर में स्त्री बीमार है या पुरुष ,आप के पास धन की कमी है या अपारता है ,आप की बेटी का विवाह नहीं हो रहा होगा ,या आप संतान सुख से वंचित है ,तो उस शास्त्र और उसके ज्ञान में कोई तो बात होगी ...

बाकि बातें अगली पोस्ट में ......